सूरजकुंड(फरीदाबाद), 36वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में राजस्थान के बूंदी शहर से आए गणेश कुमार सोनी ने कच्ची घोड़ी लोक नृत्य कर देश व विदेश से आए हुए पर्यटकों को मंत्र मुग्ध किया। गणेश कुमार सोनी ने बताया कि वे कच्ची घोड़ी नृत्य पिछले करीब 40 सालों से कर रहे हैं। इस नृत्य का आरंभ भारतीय राज्य राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र से हुआ। कच्ची घोड़ी नृत्य में नृृतक फैंसी कपड़ों से सुसज्जित होकर घोड़ी पर सवार होकर डांस करता है। यह नृत्य राजस्थान में ही नहीं अपितु देश के अन्य राज्यों जैसे-गुजरात, महाराष्ट्र में भी प्रसिद्ध है। कच्ची घोड़ी नृत्य बामरिया नामक डकैत जोकि अमीरों का धन लूटकर गरीबों में बांटता था। उस समय से दूल्हा पक्ष के बारातियों के लिए व अन्य खुशी के अवसरों पर कच्ची घोड़ी नृत्य किया जाता रहा है। कच्ची घोड़ी नृत्य को देखकर मेला में आए हरेक पर्यटक उसके साथ नृत्य करने से अपने आप को रोक नहीं पा रहे हैं।
