सूरजकुंड में आकर बेहद खुश नजर आ रहा है रशिया की शिल्पकार दंपत्ति

Russian craftsman couple looks very happy after coming to Surajkund

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सूरजकुंड (फरीदाबाद), अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में रूस के सुदूर ठंडे प्रांतों से भी कुछ शिल्पकारों को पहली दफा भारत आने का मौका मिला है। ये दस्तकार भारत की धरती पर आकर अपने आप को बेहद प्रसन्न महसूस कर रहे हैं।
जी-20 देशों में शामिल रूस के बाशकोरस्तान राज्य से आए चमड़ा के कारीगर आर्तीयोम यारातोव और उनकी धर्मपत्नी लैजान माजीतोवा ने बताया कि उनके इलाके में माइनस बीस डिग्री तापमान रहता है। उनका गुजर-बसर जानवरों के शिकार, पशुपालन और घरेलू दस्तकारी के काम से ही होता है। सूरजकुंड मेले में स्टाल नंबर 110 पर मौजूद इस दंपत्ति ने बताया कि उनको रशिया की मिनिस्टरी से भारत जाने के बारे में फोन आया तो उनको बहुत ही आश्चर्य और प्रसन्नता हुई। वे लोग पहली बार इतने सुंदर और विशाल मेले में भाग लेने आए हैं। लैजान ने बताया कि उनके पति आर्तीयोम एक अच्छे निशाने बाज हैं और वह तीर से लोमड़ी, खरगोश, भेडिय़ा आदि का शिकार करते हैं। भैंस व अन्य जानवरों के चमड़े से ये पर्स, बेल्ट, बैग, कार्डकेस आदि बनाते हैं। इसके अलावा लैजान अपनी सजहेलियों से घर में बना शहद इकठ्ठा कर इसे बेचती हैं, जो कि सेहत के लिए काफी लाभकारी है। इनकी स्टाल पर लकड़ी की डिजाईन की गई चम्मचें, बैज आदि कलाकृतियां देखी जा सकती हैं।


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